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bach flower remedies

“पुष्प औषधी” (Bach Flower Remedies) एक वरदान। 

आधुनिक दुनिया में तनाव अधिक है। इससे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग हो सकते हैं। मन की शांति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण के कारण मनुष्य में विभिन्न प्रकार के नकारात्मक दोष प्रकट होते हैं। हत्या, लड़ाई, क्रूरता बढ़ रही है। ऐसी अशांत दुनिया में डॉ. बाख द्वारा अविष्कार किए गए “पुष्प औषधी” (Bach Flower Remedies) एक वरदान हैं।

मानव मन एक सागर के समान अनंत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, शारीरिक, मानसिक और  सामाजिक स्तर पे तंदुरुस्त होना याने ‘पूर्ण स्वास्थ्य’ न की सिर्फ रोग का न होना या कमजोरी होना। अनुभव से पता चला है कि इसमें भी यदि मन का संतुलन ठीक न हो तो शारीरिक स्तर पर विकार उत्पन्न हो जाता है।

एक अच्छा जीवन जीने के लिए मन का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। मन को स्वस्थ रखने के लिए क्रोध, लोभ , घृणा, वासना, ईर्ष्या, संदेह जैसी विनाशकारी भावनाओं को त्याग कर प्रेम, करुणा, शांति, अच्छाई, ईमानदारी, क्षमा को पुरस्कृत करना महत्वपूर्ण है।

अस्वस्थ मन के कारण चिंता, अनिद्रा, सिरदर्द, मधुमेह, उच्च रक्तचाप ऐसे विकार हो सकते है। संक्षेप में, मानसिक तनाव संतुलन को बिगाड़ देता है और परिणामस्वरूप बीमारी हो जाती है। उन्नीसवीं सदी में डॉ. बाख ने इस विषय का गहन अध्ययन किया और “बाख फ्लॉवर रेमेडीज” (Bach Flower Remedies) की खोज की।

आज का समय एक ‘गति का समय’ है। आज हर किसी को जीवन की गति के साथ कदम मिलाकर चलना है। क्योंकि अगर इस गति को बनाए नहीं रखा गया, तो जीवन की गति बिगड़ जाएगी और असंतुलित हो जाएगी।

आज हर कोई किसी न किसी के पीछे भाग रहा है। कभी धन के पीछे, कभी मान-प्रतिष्ठा के पीछे, कभी सफलता के पीछे, कभी प्रसिद्धि के पीछे! आज की इस दौड़ में जैसे हर कोई शारीरिक रूप से थका हुआ है, वैसे ही मानसिक रूप से थका हुआ है, यानी थका हुआ है। और यही थकान उसे बीमार बनाती है। 

आज दुनिया की नब्बे प्रतिशत बीमारियाँ मानसिक बीमारी के कारण होती हैं। इसे “मनोदैहिक विकार” (psychosomatic disorder) कहा जाता है। मरीज के शारीरिक लक्षणों के साथ-साथ मन के लक्षणों को भी ध्यान में रखना चाहिए ऐसा विचार डॉक्टर एडवर्ड बाख द्वारा १९३० में पहली बार  प्रस्तुत किया गया।

वैसे तो डॉ. एडवर्ड बाख एक उच्च शिक्षित डॉक्टर थे लेकिन उनका झुकाव प्रकृति की ओर ज्यादा था। मरीजों का इलाज करते समय उन्हें यह अहसास होने लगा कि ‘मानसिक’ बेचैनी के कारण शारीरिक लक्षण बिगड़ते जा रहे हैं। इससे उन्हें एहसास हुआ कि ‘बीमारी से ज्यादा मरीज का इलाज किया जाना चाहिए। दवा लेते समय रोगी की मनोवृत्ति, मानसिक स्थिति, रहन-सहन, सोचने के तरीके सभी को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

हमने प्रकृति के साथ का अपना संतुलन खो दिया है और अगर उसे संभलना है तो उसका समाधान प्रकृति में ही खोजना होगा। इसी विचार से प्रेरित होकर डॉ. एडवर्ड बाख ने पौधों, फूलों और फलों का अध्ययन करते हुए वेल्स की घाटियों की यात्रा की और लगभग छह वर्षों के बाद, उन्होंने प्रकृति की इस पहेली को सुलझाया।

डॉ. एडवर्ड को अड़तीस प्रकार के फूल मिले जिनमें उपचार के गुण होते हैं। इन्ही फूलों से बाख फ्लॉवर रेमेडीज” (Bach Flower Remedies) बनाई जाती है। 

Bach Flower Remedies (बाख फ्लॉवर रेमेडीज) - Best for mental wellbeing

…. बहुत बार हम उदास हो जाते हैं, निराश हो जाते हैं, दुनिया से कहीं दूर एकांत में बैठना चाहते हैं, कभी दुनिया का गुस्सा आता है तो कभी आता है। सारा जीवन दयनीय लगने लगता है, मरने के ख्याल आने लगते है।

हमारी किसीको भी जरुरत नहीं है ऐसी भावनाये मन में आती रहती है । कई बार हम बेवजह चिढ़ जाते हैं।

..कभी-कभी ज्ञात कारणों का डर। मसलन परीक्षा का रिजल्ट, इंटरव्यू में जाने का डर, सुबह काम पर गया पति शाम को लौटेगा? इसकी  चिंता, या कभी आपका बच्चा खेलते-खेलते गिर जाएगा, इसकी चिंता अगर मैं कभी डॉक्टर के पास जाऊं तो क्या कोई बड़ी बीमारी निकल आयेगी ऐसा डर? अगर ऑपरेशन करना पडेगा ऐसा डर।  ऐसे अनेको प्रकारकी चिंता हमे सतानी लगती है जिसका कारन हम जानते है। अक्सर यह डर थोड़े समय तक ही सीमित रहता है। लेकिन उतनी देर में वो डर आपके मन को विचलित कर देता है। 

कभी-कभी हम डर जाते हैं, लेकिन हम नहीं जानते कि हम क्यों डरते हैं, हम कारण  नहीं जानते लेकिन डर हमारे दिमाग में बसा हुआ होता है । तब हाथ – पैर कांपने लगते हैं, सभी अंग कांपने लगते हैं। धड़कने तेज हो जाती है , गला सूख जाता है, पसीना निकल आता है, सर चकराने लगता है। 

कभी-कभी यह लक्षण रोगी को आत्मविश्वास खोने का कारण बनता है। फिर उसके लिए घर से अकेले निकलना, सड़क पार करना, अँधेरे में जाना नामुमकिन सा  हो जाता है। उसकी निर्णय क्षमता  कम हो जाती है। वह अपना दुख किसी के सामने जाहिर नहीं करना चाहते। अगर किसी समय किसी दोस्त या डॉक्टर को बताते भी है तो वे उसको, “ज्यादा मत सोचो, यह अपने आप ठीक हो जाएगा” ऐसा बोलते है।

मन की यह अस्थिरता उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों को जन्म देती है। ऐसे समय आहार पुष्प औषधि विशेषज्ञ (Bach Flower Remedies Practitioner) से बात करके उन्होंने बताई हुई पुष्प औषधी का सेवन किया तो बीमारी के तीव्रता के अनुसार ८ से १५ दिनों में आश्चर्यकारक परिणाम आ सकते है।  संक्षेप में कहें तो पुष्प औषधी मन को भी शक्ति देती है और शरीर को भी।

इन पुष्प औषधी की आदत नहीं लगाती या इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और किसी भी अन्य दवा के चलने के दौरान लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दवाएं किसी भी दवा में हस्तक्षेप किए बिना अपना काम अच्छी तरह से करती हैं। इसलिए ये दवाएं शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए अच्छा काम करती हैं।

डॉ. बाख की प्रणाली में  में कुल 39 पुष्प-औषधियाँ (Bach Flower Remedies) हैं, और मानसिक लक्षणों के लिए जो नाम दिए जाने हैं, वे इस प्रकार हैं:

Bach Flower Remedies Chart in Hindi / Bach flower remedies diagnostic chart

1) एग्रिमनी (Agrimony) : जिन लोगों के मन में बहुत दुख, तनाव, मानसिक पीड़ा होती है लेकिन उनके चेहरे पर खुशी का झूठा दिखावा करते है।

 2) ऐस्पन (Aspen) : चिंता और काल्पनिक बातोंका डर 

3) बीच (Beech) : असभ्य, दुसरोको निच समज़ने वाले, कठोर आलोचना करने वाले। 

4) सेन्टौरी (Centaury) : बहुत कम संयम और इच्छाशक्ति और दूसरों के लिए कुछ भी करने की इच्छा। किसी भी चीज का मन पर तुरंत प्रभाव पड़ता है।

5) सिरॅटो (Cerato) : मूर्खता, आत्मग्लानि, इसलिए लगातार दूसरों से सलाह लेना।

6) चेरी प्लम (Cherry Plum) : अल्हड़ , निराशा, आत्महत्या के विचार, मन का नियंत्रण खो कर कुछ भयानक करने का डर।

7) चेस्टनटबड (Chestnut Bud)  : अनुभव से कुछ नहीं सीखना, इसलिए जीवन में बार-बार वही गलतियाँ करना, बार-बार एक कहानी सुनाना,

8) चिकोरी (Chicory) : स्वार्थी, आत्म-उन्नयन, अधिकारपूर्ण रवैया। 

9) क्लेमाटिस (Clematis)  : जो लोग अलग ही धुन में हैं, लापरवाह, उदास, हर चीज में लापरवाही।

10) क्रैब एप्पल (Crab Apple) : अपने आप से घृणा, पूर्ण निराशा।

11) एल्म (Elm) : जो लोग किसी भी काम को सफलतापूर्वक कर लेते हैं लेकिन समय-समय पर बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण निराश हो जाते हैं और खुद में कुछ कमी है ऐसा मानने लगते है।

12) जेंटियन (Gentian) : ऐसे स्वभाव के लोग जो संकट के समय निराश हो जाते हैं, अपना धैर्य खो देते हैं और सुख के समय भी दुखी रहते हैं।

13) गोर्स (Gorse) : बड़ी निराशा और निराशा।

14) हीदर (Heather)  : एक स्वार्थी, अभिमानी व्यक्ति जो लगातार अपनी तकलीफो के बारेमे ही बात करता है या लगातार अपने बारे में बात करता है।

15) होली (Holly) : शक्की और प्रतिशोधी प्रवृति, ईर्ष्यालु, दुसरो का द्वेष करने वाले।  

16) हनीसकल (Honeysuckle) : लगातार घर के लिए तरसना, लगातार अतीत के बारेमे सोचना 

17) हॉर्नबीम (Hornbeam) : शारीरिक और मानसिक थकान, और उसके कारण आज के काम को कल पर टालने की प्रवृत्ति

18) इम्पेशन्स  (Impatiens) : मन पर अत्यधिक तनाव, धैर्य की कमी, चिड़चिड़ापन। 

19) लार्च (Larch) : आत्मविश्वास की कमी, निराशा, असफलता की भविष्यवाणी करने की प्रवृत्ति।

20) मिमुलस (Mimulus) : ज्ञात बातो का डर। उदा. बीमारी, अंधकार, बुढ़ापा या मृत्यु का भय।

21) मस्टर्ड (Mustard) : अकारण होने वाली उदासी, शोक। 

22) ओक (Oak) : बेडर, विपरीत परिस्थितियों में प्रयास करते रहने की मेहनती प्रवृत्ति।

23) ऑलिव (Olive) : अत्यधिक मानसिक और शारीरिक थकान।

24) पाइन (Pine) : अपराधबोध की भावनाएँ।

25) रेड चेस्टनट (Red Chestnut) : दूसरों के बारे में चिंता, विशेष रूप से परिचितों और प्रियजनों के बारे में।

26) रॉकरोज़ (Rock Rose) : घबराहट, दहशत।

27) रॉक वाटर (Rock Water) : निस्वार्थी, आत्म-त्याग करने वाला रवैया, अपने निर्णय पर अडिग रहने की प्रवृत्ति।

28) स्क्लेरेनियस (Scleranthus) : अनिश्चित, बार-बार निर्णय, योजनाओं को बदलने की प्रवृत्ति,

29) स्टार ऑफ़ बेथलेहम (Star of Bethlehem)  : मानसिक और शारीरिक आघात और इसके दुष्प्रभाव

30) स्वीट चेस्टनट (Sweet Chestnut) : किसी बात के बार बार होनेसे आने वाला चिड़चिड़ापन, धीरज ख़त्म हो गया ऐसे कहने वाले व्यक्ति। 

31) व्हरव्हेन (Vervain) : अति उत्साह, इसलिए किसी भी चीज की अतिरेक,उस कारण निर्माण होने वाला तनाव, अन्याय सहन ना करने वाला स्वाभाव। 

32) व्हाईन (Vine) : महत्वाकांक्षी, सत्ता का भूखा, प्रभुत्वशाली या तानाशाही रवैया।

33) वॉलनट (Walnut) : किसी भी प्रकार के परिवर्तन या नई स्थिति से उत्पन्न होने वाली स्थिति।

34) वाटर वायलेट (Water Violet) : एक एकान्त, नम्र, थोड़ा अभिमानी रवैया।

35) व्हाइट वेस्टनेट (White Chestnut) : वही वही विचार मन में आते हैं, एकाग्रता की कमी।

36) वाइल्ड ओट (Wild Oat) : अनिश्चितता, असंतोष, निराशा।

37) वाइल्ड रोज़ (Wild Rose) : महत्वाकांक्षा की कमी, उदासीनता, सहानुभूति की कमी, प्रयास की कमी। 

38) विलो (Willow) : कड़वाहट दूसरों को दोष देने की प्रवृत्ति है।

39) रेस्क्यू रेमेडी (Rescue Remedy) : यह औषधि ऊपर वर्णित 6, 9, 18, 26 और 29 संख्या वाली पुष्प औषधियों का मिश्रण है। इस दवा का उपयोग आपात स्थिति में किया जाना चाहिए, उदाहरण के लिए, दुर्घटना, घर पर मृत्यु का आघात, बड़ी सर्जरी का समय, अचानक चक्कर आना, बेहोशी या कोई गंभीर घटना,

“बाख फ्लॉवर रेमेडीज” (Bach Flower Remedies) के संबंध में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

1) इस दवा का चयन सिर्फ रोगी के मानसिक लक्षणों के आधार पर जाना चाहिए। 

2) जैसे-जैसे मानसिक स्थिति बदलती है, वैसे-वैसे दवाएं भी बदलती हैं।

3) आप एक बार में 4-5 दवाओं का मिश्रण भी दे सकते है।

4) ये दवाएं 100% सुरक्षित हैं और शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालती हैं।

5) यह दवाई दिन में ३ बार थोडेसे पानी में २-३ बुँदे डालकर ले सकते है।  

6) इसका उपयोग प्राकृतिक चिकित्सा में किया जाना चाहिए लेकिन गंभीर बीमारी की स्थिति में समय पर अपने चिकित्सक से परामर्श किए बिना इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि हर इलाज की अपनी सीमाएं होती हैं। 

7) ये दवाएं भारत में सभी होम्योपैथिक दवा की दुकानों से उपलब्ध हैं।

संक्षेप में मन को प्रसन्न, ऊर्जावान, आकांक्षी बनाए रखने के लिए पुष्प औषधि  के रूप में दुनिया को जो अनमोल धरोहर को डॉक्टर बाख ने संशोधित करके दी है उससे  मानव समाज का बहुत भला हुआ है। तो आइए इसका उपयोग अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप करें और अपने जीवन को पूर्ण रूप से जीने का प्रयास करें।

Amol Anokar

By Amol Anokar

Greetings, I'm Dr. Amol Anokar, a practitioner of Homeopathic Medicine, boasting over 22 years of experience in this field. Throughout my professional journey, I've been committed to guiding individuals toward optimal well-being using natural and holistic approaches. My profound enthusiasm for homeopathy and its profound impact on holistic healing has motivated me to extend my reach to a broader audience. As a result, I initiated a blog where I share my wealth of knowledge and insights regarding various aspects of health and wellness. Whether your goal is to enhance your overall health, address a particular health concern, or attain a more balanced life, I firmly believe that homeopathy can offer a secure and efficacious path to wellness. It is my aspiration that my blog will prove to be a valuable resource for those striving to lead a healthier and more contented life.